सर पे बंधा तिरंगा कफ़न के लिए,
दिल क्या जन भी मै दे दूं वतन के लिए.
जिसने अपने लहू से है पला मुझे,
उस जमी पे खड़े है नमन के लिए.
धड़कने भी कभी जो यू थमने लगे,
साँस भी जोड़ दे इस चमन के लिए
साहिल सुमन है दुआ मांगता,
हिंद धरती मिले हर जनम के लिए.