कितने गमो की दवा बन गई,
दिल से तेरी जो दुआ मिल गई,
मांगू खुदा से मन्नत मै क्या,
जब तू ही मेरी खुदा बन गई.
अरमा नहीं बाकी है कुछ भीजब से मेरी तू जुबां बन गयी .
१ - फटी बिवाई थी धरती व्याकुल सावन आया । २ - नीलाअंबर टपक रहा जल मिट्टी महकी । ३ - हर्षित मन अब महक रहा भी...