१ - फटी बिवाई
थी धरती व्याकुल
सावन आया ।
२ - नीलाअंबर
टपक रहा जल
मिट्टी महकी ।
३ - हर्षित मन
अब महक रहा
भीगा है तन ।
४ - कोयल,मोर
हैं पपीहा हर्षित
भू अर्चित है ।
५ - धुन गूंजे हैं
मन गदगद हैं
कजरी गाले ।
६ - दिल दास्तां हैं
ऐतबार कीजिए
प्यार कीजिए ।
७ - वर्षा की रात
ख्वाहिश जल गई
तू नहीं आयी ।
८ - दिल है तेरा
आखिरी सांस तक
तेरा ही रहेगा ।
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