अर्ज है-
तेरी नीली आँखों में,दरिया है या है समंदर,
भीगी पलकें बता रही,कुछ राज है इनके अन्दर.
अनमोल है मोती के दाने,
पलकों पर आंशू मत लाना.
दर्द तो तो हर अफसाने में,
अच्छा तो नहीं है दिखलाना.
सारा जहां ये कहता है,
कोयले से हीरा निकलता है,
आशा के तुम दीपक हो,
दुनिया में उजाला फैलाना.
मंजिल के सफ़र पैरों में कभी,
ठोकर भी जो लग जाये
डरना नहीं ये याद रहे,
बस आगा बदते जाना.
तुम सक्षम हो सब करलोगे,
फिर काँटों से क्या घबराना.
मै साहिल पत्थर ही हूँ,
कंकर- पत्थर क्या दे सकता,
झुक जाये कदम में ये दुनिया,
बस दिल की दुआ लेते जाना.